किसान संगठनों के समर्थन में धरना प्रदर्शन
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आज स्थानीय गांधी पार्क में देश के किसान संगठनो के समर्थन में उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी व उत्तराखण्ड लोकवाहनी ने विभिन्न् संगठनों के साथ मिलकर धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुवे विभिन्न संगठनों के लोगों ने कहा कि किसान जिन कानूनो का विरोध कर रहे है वे किसान विरोधी ही नहीं वरन इंसान विरोधी कानून है जिसका प्रभाव आम नागरिक पर पड़ना तय है। उत्तराखण्ड की आन्दोलनकारी ताकते किसान आन्दोलन के साथ है सरकार किसान आन्दोलन को वार्ता के नाम पर दबाने व समय लेने की कोशिश कर रही है। उत्तराखंड में कृषि पहले ही चौपट हो गयी है फिर कृषि पर नये किस्मों के दबाव डाले जा रहे है तथा बंजर पडी भूमि पर कारपोरेट की नजर लगी है। राज्य सरकार कार्पोरेट के साथ एम ओ यू कर चुकी है। सभा का संचालन करते हुवे उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि किसानो ने आपातकाल मे देश में अपने उत्पादों से देश के अन्न संकट तो दूर किया है सरकार इसे कार्पोरेट केे हित मे यह नीतिया लाई है उलोवा के महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी ने कहा कि उलोवा किसान आन्दोलन के साथ है। जगत रौतेला ने कहा कि यदि किसान नही चाहते कि नये कानून व्यवहारिक नही है तब सरकार इन्हे लागू कराने की जिद्द क्योे पाल रही है। दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि किसान बिल का सम्बन्ध माल संस्कृति से जुडा है इसका असर खुदरा बाजार व व्यापारिये पर भी पडेगा। आज की संयुक्त बैठक को नारायण राम अजय मित्र सिह बिष्ट, आनन्दी वर्मा, किरन आर्या, गिरधारी कान्डपाल, अजय मेहता आदि ने सम्बोधित किया धरने मे बन्दना कोहली, हीरा देवी, मुहम्मद वसीम, गोपाल राम, सरस्वती देवी वर्मा, मंन्जू बिष्ट, पूरन सिह मेहरा, अमिनुरर्हमान, भावना जोशी, भुवन चन्द्र जोशी, लीला आर्या सरिता मेहरा, प्रकाश चन्द्र, ममता आर्या, भारती पाण्डे , दीपा जोशी, रेखा आर्या आदि उपस्थित थे।
