गीताराम नौटियाल को सात दिन के अंदर आत्मसमर्पण करने के निर्देश
1 min readसमाज कल्याण विभाग के निलम्बित संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल जब हरिद्वार व देहरादून के समाज कल्याण अधिकारी रहे तब उन पर यह आरोप लगा कि उन्होंने बिना सत्यापन किये छात्रवृत्ति जारी कर दी। इस पर सरकार को करोड़ो रुपयों की चपत लगी और सरकार ने नौटियाल के विरुद्ध एसआईटी जांच बैठाई तथा जांच में उन पर बिना सत्यापन किये छात्रवृत्ति में करोड़ों रुपयों के घोटाले का आरोप लगा। एसआईटी ने उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारण्ट जारी किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने उच्च न्यायालय नैनीताल में अपील की जहां उन्हें राहत नहीं मिली तो उन्होंने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की। अब सुप्रीम कोर्ट ने उनसे सात दिन में आत्मसमर्पण करने को कहा है। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि नौटियाल जमानत को आवेदन करते हैं तो नियमानुसार निर्णय हो सकता है। इस पर शुक्रवार को जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने सुनवाई की। हालांकि इसमें नौटियाल को राहत नहीं मिल पाई है। उल्टा कोर्ट ने नौटियाल को सात के अंदर आत्मसमर्पण करने को कहा है।
