जानिये कहां — पूरी रात लोकगीतों पर थिरकते हैं ग्रामीण
सीमांत जनपद उत्तरकाशी में गंगा घाटी के गांवों में धान, मंडुआ, आलू आदि फसलें तैयार हैं। अब तैयारी है इन्हें काटने की। देवभूमि में हर पवित्र कार्य करने से पहले देव अनुमति लेने की परंपरा है और इसी अनुष्ठान का नाम है ‘सेलुकू’ मेला। इस मेले में ग्रामीण अपने आराध्य सोमेश्वर देवता की पूजा अर्चना कर अच्छी फसल की कामना करने के साथ ही पशुपालकों की जंगलों से सकुशल वापसी का आभार जताते हैं। धार्मिक परंपरा में शुमार इस मेले में गंगा घाटी की समृद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।