नैनीताल — तल्लीताल की रामलीला को हुये 129 वर्ष
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नैनीताल में रामलीला नाटक के अभिनय का श्रेय अल्मोड़ा के तहसीलदार देवीदत्त जोशी को जाता है। नैनीताल में 1890 के आसपास यह आयोजन प्रारम्भ हुआ जिसे आयोजित करने में नैनीताल नगर के निर्माता मोती साह के पुत्रों अमरनाथ साह, दुर्गा साह एवं कृष्णा साह का सराहनीय योग्दान रहा।
तल्लीताल के दुर्गापुर में रामभक्त दुर्गा साह द्वारा ग्राम पाटिया, सतराली (अल्मोड़ा) सिलौटी (भीमताल) के गायक कलाकारों को आमंत्रित कर इस लीला का सफल मंचन किया गया। कालान्तर में दुर्गापुर की रामलीला तल्लीताल नैनीताल स्थानान्तरित हो गई वर्ष 1900 के आस—पास तल्लीताल की रामलीला के मंचन में रा0बा0 हरीदत्त जोशी(पोखरी) का उल्लेखनीय योगदान रहा। वर्ष 1920 के आस—पास तल्लीताल की रामलीला में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ इस काल में भारतरत्न स्व0 गोविन्द बल्लभ पंत इस आयोजन के आयोजक बने। आज भी तल्लीताल नैनीताल की रामलीला आधुनिक काल में भी यथावत जारी है।
