बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा आनलाइन कहानी वाचन कार्यशाला का किया आयोजन
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अल्मोड़ा। बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा आयोजित ऑनलाइन कहानी वाचन कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(डायट) पंचमढ़ी (मध्य प्रदेश) की प्राचार्य अर्चना सिंथिया गौर ने बच्चों को ऑनलाइन कहानी सुनाई।
कहानी वाचन कार्यशाला के अध्यक्ष पटियाला (पंजाब) के वरिष्ठ बालसाहित्यकार डॉ. दर्शनसिंह आशट ने कहा कि विज्ञान के आज के दौर में भी बच्चों को परी कक्षाएं पसंद हैं। उन्होंने कहा कि परी कथाओं को आज के संदर्भ में बच्चों के लिए लिखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों की कहानियां मनोरंजन के साथ ही बच्चों में नए संस्कार जाग्रत करें, ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए। कार्यशाला के मुख्य अतिथि मोहम्मद अरशद खान (शाहजहांपुर) ने कहा कि बच्चों के लिए कल्पना के साथ ही यथार्थ साहित्य लिखे जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए उनके परिवेश की कहानियां लिखी जानी चाहिए।
बालप्रहरी के संपादक तथा बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा के सचिव उदय किरौला ने सभी का स्वागत करते हुए संस्थान द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस अवसर पर डायट मंडला (म.प्र.) के अशोककुमार नेगी, शिक्षा विभाग उत्तराखंड के उप निदेशक आकाश सारस्वत, बालप्रहरी के संरक्षक श्याम पलट पांडेय (अहमदाबाद), प्रमोद दीक्षित मलय (बांदा), फहीम अहमद (बरेली), डॉ. जगदीश पंत ‘कुमुद’ (खटीमा), शिवदत्त तैनगुरिया (भरतपुर),श्यामनारायण श्रीवास्तव(रायगढ़), शशि ओझा(भीलवाड़ा), उद्धव भयवाल(औरंगाबाद), गंगासिंह रावत (हल्द्वानी),ओमशरण आर्य‘चंचल’(रामनगर), प्रदीप बहुगुणा(देहरादून), नरेंद्र गोस्वामी(बागेश्वर),प्रदीप भट्ट(हैदराबाद), देवसिंह राना सहित कई साहित्यकार,शिक्षक एवं अभिभावकों द्वारा ऑनलाइन कहानी सुनी गयी।
