प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं शिक्षाविद डॉ. सुवर्ण रावत को मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति द्वारा किया जायेगा सम्मानित
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18वें रचना लोक महोत्सव-2021 में प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं शिक्षाविद डॉ. सुवर्ण रावत को ‘रंगमंच व शिक्षा’ की विधा में किए गए उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति द्वारा सम्मानित किया जायेगा। कला दर्पण की उम्दा नाट्य प्रस्तुतियां राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर सफल रही हैं। डॉ. सुवर्ण का जन्म उत्तराखण्ड के ऐसे सुदूर जनपद उत्तरकाशी में हुआ जो विश्व फ़लक पर ‘गंगा-जमुना’ के उद्द्गम और ‘नेहरू पर्वतारोहण संस्थान’ की एक अलग पहिचान रखता है। नैनीताल से अंग्रेज़ी साहित्य में मास्टर डिग्री करने के दौरान आपका चयन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ‘एन. एस.डी.’ दिल्ली में हो गया था, जहाँ से आपने पेरफॉर्मिंग आर्ट्स में मास्टर डिग्री हासिल की। इसी अन्तराल में आपने फ़िल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट, इंडिया ‘एफ.टी.आई.आई.’ पुणे से फ़िल्म अप्रिसिएशन कोर्स किया। एन.एस.डी. की थिएटर-इन-एजुकेशन कम्पनी के आप संस्थापक सदस्य ‘एक्टर-टीचर’ रहे, जिसके निदेशक बैरी जॉन थे। आपने शिक्षा में रंगमंच के महत्व पर पी.एच.डी. की। एच.एन.बी.जी. सेट्रल यूनिवरसिटी श्रीनगर, उत्तराखण्ड के सेंटर फॉर फोक पेरफॉर्मिंग आर्ट्स एंड कल्चर विभाग में आप प्रोफ़ेसर रहे हैं। त्रिपदा सिंगापुर इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट गांधीनगर, गुजरात के पेरफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग के आप प्रमुख रहे हैं। वर्तमान में आप उत्तरखण्ड ओपन यूनिवर्सिटी हल्द्वानी, नैनीताल के पी.जी.डिप्लोमा इन थिएटर स्टडीज के कॉन्सल्टेंट हैं। आपने अपने देश के विभिन्न प्रान्तों के अलावा तारा आर्ट्स सेन्टर लंदन, यू.के. एवं अन्तराष्ट्रीय रंग-महोत्सव वॉरसॉ, पोलैंड में शिरक़त करके भारत का प्रतिनिधित्व किया। आपकी सृजनात्मकता सिर्फ़ रंगमंच विधा के लेखन, परिकल्पना, अभिनय एवं निर्देशन तक ही सीमित नहीं रही बल्कि आपने दूरदर्शन व फिल्म्स में भी बतौर अभिनेता बेहतरीन कार्य किया है। इन्हें दौलतराम रंवाल्टा, उत्तराखण्ड गौरव, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सेन्टर फ़ॉर कल्चरल रिसोर्सेज एंड ट्रेनिंग ‘सी.सी.आर.टी.’ दिल्ली के सीनियर फेलोशिप 218-19 आदि अनेकों सम्मान से नवाज़ा गया है।
