नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन की 37वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंडी संघर्षशील ताकतें चौखुटिया में एकजुट होंगी
1 min read
ऐतिहासिक नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन की 37वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंडी सरोकारों की तमाम संघर्षशील ताकतें अल्मोड़ा जिले के बसभीड़ा चौखुटिया में एकजुट होगी। इस रचनात्मक एवं प्रखर जन आंदोलन के नेतृत्वकारी रहे उपपा अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा इस आंदोलन का ताप इस राज्य को लगातार सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करता आ रहा है आगे भी करता रहेगा।नशा नहीं रोज़गार दो – काम का अधिकार दो के नारे के साथ 2 फ़रवरी 1984 को अल्मोड़ा के एक छोटे से गांव बसभीड़ा से मुक्त हुए इस आंदोलन को पूरे राज्य में नशे के साथ राजनीति के नापाक गठजोड़ को बेनकाब करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी हज़ारों छात्र, युवा, महिलाएं, कर्मचारी समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में शामिल हुए।आंदोलन की वर्षगांठ कार्यक्रम के संयोजक पी. सी. तिवारी ने बताया कि पिछले 37 वर्षों में लगातार आंदोलन की वर्षगांठ पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम राज्य को संघर्ष की नई दिशा देते हैं।पी. सी. तिवारी ने कहा कि कोरोना काल के बाद इस तरह देश और उत्तराखंड में बेरोज़गारी बढ़ी है उसके चलते आंदोलन में रोज़गार एवं काम के अधिकार की मांग आज उत्तराखंड की भी सबसे बड़ी समस्या बन गई है। जिस पर इस वर्ष गंभीरता से विचार किया जाएगा। तिवारी ने जन आंदोलनों में शामिल रहे सभी साथियों, पिछले 37 वर्षों में नशा नहीं रोजगार दो एवम् राज्य को बेहतर बनाने के आंदोलनों में शामिल तमाम साथियों से 2 फरवरी को बसभीड़ा चौखुटिया में पहुंचने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्षगांठ का विस्तृत कार्यक्रम आवश्यक विचार विमर्श के बाद सार्वजनिक किया जाएगा।
