कृषि सुधार के नाम पर केन्द्र सरकार काला कानून लाकर अशांति क्यों पैदा कर रही है— उपपा
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उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से आज भारत के प्रधानमंत्री को इस आशय पर ज्ञापन भेजा कि कोरोना महामारी के दौरान कृषि सुधार के नाम पर काले कानून लाकर केंद्र सरकार देश में अशांति क्यों पैदा कर रही है तथा देश व उत्तराखंड में बर्बाद हो रही किसानी पर ध्यान देने की मांग की गयी।
ज्ञापन में आगे कहा गया कि किसानी पर बिना विचार विर्मश किये कृषि सुधार के नाम पर केंद्र सरकार तीन कानून ले आयी है और बडे उद्योगपतियों को लाभ पहुंचान के लिए इस कानूून के द्वारा हर तरह की संसोधित व लोकतांत्रिक मर्यादाओं की उपेक्षा की गयी। फलस्वरूप आज देश का अन्नदाता सड़कों पर हैं। आपकी सरकार अपने तमाम मंत्रियों, सांसदो, विधायकों और पार्टी नेताओं को मैदान मे उतारकर यह समझाने का प्रयास कर रही है कि यह कानून किसानों के हित में लाया गया है। ज्ञापन में आगे कहा गया है कि केंद्र सरकार की यह करतूत लोगों की समझ से परे है तथा कोरोना काल में आपदा को उद्योगपतियों के लिए अवसर में बदलने की आपकी घोषणा किसानों को ना गवार गुजर रही है। सरकार की यह बात सही है कि उदारीकरण निजी करण को लाने वाली कांग्रेस पार्टी भी इन नितियों पक्षधर है। प्रदेश को कांग्रेस मुक्त भारत का सपना दिखाने वाली यह सरकार व पार्टी कांग्रेस की ही नितियां जबरन क्यों लागू करना चाहती है।
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि सरकार तीनों कृषि कानून को रद्द किसान संगठनों और संसदीय विपक्ष से भी राय ले तथा कोरोना काल में सरकार की अनावश्यक जिदद से देश को बचाने की जिम्मेदारी आप अवश्य लें। ज्ञापन केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी एवं उनके कार्यकर्ताओं ने प्रेषित किया है।
