आभासी वास्तविकता का उपयोग अगली पीढ़ी के अग्नि अन्वेषकों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा सकता है।

शोधकर्ता नकली अपराध स्थल बनाते हैं और अग्निशमन कर्मियों की सहायता से नियंत्रित दहन प्रक्रिया अपनाते हैं, तथा परिणामों को सावधानीपूर्वक मापते हैं।

फिर दृश्य को आभासी वास्तविकता में फिर से बनाया जा सकता है। शोध से पता चलता है कि इस तकनीक का उपयोग करके अधिक जांचकर्ता आग की उत्पत्ति और विकास का पता लगाने में सक्षम थे।

डंडी विश्वविद्यालय तथा आपातकालीन सेवाओं की टीम को आशा है कि आभासी वास्तविकता का उपयोग शीघ्र ही नए जांचकर्ताओं को प्रशिक्षित करने तथा अपराध स्थल के आंकड़ों को अधिक आसानी से साझा करने के लिए किया जा सकेगा।



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