बासमती चावल की अंतर्राष्ट्रीय मांग अगले कुछ वर्षों में दोगुनी होने का अनुमान है। लेकिन किसानों और पारखी लोगों का कहना है कि पारंपरिक किस्में गायब हो रही हैं।

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