• बुध. अप्रैल 24th, 2024

चलिए देखें कैसे ट्रैफिक जाम और एक्सीडेंट का पता आधे किलोमीटर पहले ही लगा सकते हैं

Byसुधाकर दुबे

जनवरी 30, 2024

जोधपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के शोधकर्ताओं ने एक नई तकनीक का विकास किया है जो सड़क पर ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने का उद्देश्य रखती है। इस तकनीक का नाम है “इंटरनेट ऑफ व्हीकल (आईओवी) आधारित नोवल मैक-बेस्ड ऑथेंटिकेशन स्कीम (नोमास)”। इसमें सड़क पर चल रहे वाहनों के बीच रियल-टाइम कम्युनिकेशन का सिस्टम होगा, जिससे सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं की पहले से चेतावनी मिल सकेगी।

इस नई तकनीक में गाड़ियों में एक ऑन-बोर्ड यूनिट लगाई जाएगी, जिसमें आईओवी तकनीक शामिल की गई है। यह एक प्रकार का एडवांस सेंसर होगा, जो वाहन चालकों को सड़क की हर स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। इसके माध्यम से सड़क पर गडढ़े या अन्य स्थानों की स्थिति में आगे होने से वाहन चालकों को सचेत किया जाएगा और वे उचित कदम उठा सकेंगे।

इस तकनीक का उपयोग ट्रैफिक जाम और दुर्घटना के बारे में स्थानीय चेतावनियों की सुचना प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। इससे वाहन चालक सड़क पर सतर्क रह सकते हैं और सुरक्षा के लिए उचित कदम उठा सकते हैं। यह तकनीक वाहनों को चोरी और अनाधिकृत इस्तेमाल से भी बचा सकती है और सड़कों की खराब स्थिति की जानकारी प्रदान करके उन्हें ठीक करने की मदद कर सकती है।

इस प्रोजेक्ट के पीछे आईआईटी जोधपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देबाशीष दास और पीएचडी छात्रा हिमानी सिकरवार हैं। इस शोध का विवरण आईईईई ट्रांजेक्शन्स ऑन इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स में प्रकाशित किया गया है।