एनएमसी ने स्टाइपेंड डेटा पर विवरण प्रदान नहीं करने के लिए मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने स्नातक और स्नातकोत्तर प्रशिक्षुओं को प्रदान किए गए वजीफे का विवरण प्रस्तुत करने में विफल रहने के लिए कई मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कॉलेजों को नोटिस के तीन दिनों के भीतर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए डेटा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 115 सरकारी कॉलेजों और 83 निजी कॉलेजों ने अभी तक जानकारी जमा नहीं की है।
आधिकारिक नोटिस में लिखा है, ‘जानकारी जमा करने में इन मेडिकल कॉलेजों की विफलता के संबंध में। प्रशिक्षुओं/रेजीडेंटों को वजीफा के भुगतान पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है, और संलग्न सूची के अनुसार जिन मेडिकल कॉलेजों ने अपेक्षित जानकारी जमा नहीं की है, उन्हें यह कारण बताने का निर्देश दिया जाता है कि ऐसा करने में विफल रहने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। भुगतान किए गए वजीफे की जानकारी/विवरण जमा करें।’
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नोटिस के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने एनएमसी को मेडिकल इंटर्न और निवासियों को भुगतान किए गए वजीफे का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इस आदेश के अनुपालन में, सभी स्वास्थ्य संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए सुपर स्पेशलिटी कार्यक्रमों में यूजी इंटर्न, पीजी रेजिडेंट्स और सीनियर रेजिडेंट्स या पीजी को भुगतान किए गए वजीफे का विवरण प्रदान करने का निर्देश दिया गया था।

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