जीवन यापन की लागत हर जगह उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। लेकिन कुछ चीनी, जो धीमी अर्थव्यवस्था में गुजारा करने को लेकर चिंतित हैं, इस खाद्य-खर्च की चुनौती को स्वीकार कर रहे हैं।

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