भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की शेख हसीना ने लंबे समय तक एक-दूसरे के देशों में लोकतांत्रिक पतन को नजरअंदाज कर करीबी संबंध बनाए। हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद, बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत की चेतावनी पाखंड की बू आती है।



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