प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकास की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में सरकार ने शहर के पुराने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में स्मार्ट सड़क परियोजना शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य वाराणसी की सड़कों को अत्याधुनिक तकनीकों और सुविधाओं से सुसज्जित करना है, ताकि शहरवासियों और पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके।
परियोजना की खास बातें
स्मार्ट सड़क परियोजना के तहत शहर के प्रमुख इलाकों, जैसे गोदौलिया, लंका, और दशाश्वमेध घाट, में सड़कें चौड़ी की जाएंगी। इसके साथ ही सड़कों पर स्मार्ट लाइटिंग, वाई-फाई, और हाई-टेक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पैदल यात्रियों के लिए अलग से फुटपाथ और साइकल ट्रैक बनाए जाएंगे।
परियोजना की लागत करीब ₹450 करोड़ रखी गई है, जिसमें से आधी राशि केंद्र सरकार और शेष राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। यह परियोजना अगले 18 महीनों में पूरी होने की उम्मीद है।
पर्यटन और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा
वाराणसी हर साल लाखों घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। नई स्मार्ट सड़कों से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि पर्यटकों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा। इसके अलावा, स्थानीय व्यापारियों को भी फायदा होगा, क्योंकि शहर का परिवहन और कनेक्टिविटी पहले से अधिक प्रभावी बन जाएगी।
पर्यावरण पर ध्यान
इस परियोजना में पर्यावरण को भी प्राथमिकता दी गई है। सड़क निर्माण के दौरान पेड़ों को काटने की बजाय उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा, सोलर एनर्जी का उपयोग स्मार्ट लाइटिंग के लिए किया जाएगा, जिससे बिजली की खपत कम होगी।
सरकार और जनता की प्रतिक्रिया
परियोजना के लॉन्च के दौरान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “यह परियोजना वाराणसी को एक आधुनिक और स्मार्ट शहर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि शहर की ऐतिहासिक धरोहर को भी संजोया जाएगा।”
स्थानीय नागरिकों ने भी इस परियोजना पर खुशी जाहिर की है। वे मानते हैं कि स्मार्ट सड़कें वाराणसी को एक नई पहचान देंगी और यातायात की समस्या को काफी हद तक सुलझाएंगी।
निष्कर्ष
वाराणसी में स्मार्ट सड़क परियोजना शहर के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह परियोजना न केवल शहर को आधुनिक बनाएगी, बल्कि इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को भी बनाए रखेगी। वाराणसी का यह नया स्वरूप आने वाले वर्षों में भारत के अन्य शहरों के लिए प्रेरणा बन सकता है।