अधिकारियों और अधिकारियों का कहना है कि लाल टेप, प्रतिबंधात्मक आयात नीतियों और अप्रत्याशित नियमों ने वैश्विक कंपनियों को भारत के लिए प्रतिबद्ध होने से रोका है।

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